Fighter Movie Review: ऋतिक, दीपिका और सिद्धार्थ ने बनाई एयरफोर्स की बढ़िया शो रील, ये हैं पांच कमजोर कड़ियां

 

एक्शन फिल्म में नहीं, बल्कि 'सेना' की कहानी में हटकर, पाकिस्तान के कुछ चुनौतीपूर्ण विलेनों के साथ, हीरो हमारा वीर फौजी, जिसमें छुपे दर्द भरे एहसास हों, साथ ही तड़कते-भड़कते गाने हों। यह हिंदी सिनेमा का नया बॉक्स ऑफिस फॉर्मूला है। एक्शन फिल्मों की दुनिया में यह सच है कि वे सबसे ज्यादा कारोबार करती हैं, लेकिन 'फाइटर' ने भारतीय वायुसेना की शो रीलिटी को उत्कृष्टता के साथ पेश किया है। यह फिल्म दिखाती है कि भारतीय वायुसेना को अगर मौका मिले, तो कैसे वह अपने पड़ोसी मुल्कों की चुनौतियों का सामना करती है। 'फाइटर' नीला आसमान की ओर उड़ने का अहसास कराती है, और कहानी में एक नया मोड़ दिखाती है। यह फिल्म 'टॉप गन' और 'टॉप गन मैवेरिक' की तुलना में टॉम क्रूज के साथ, कंगना रनौत की 'तेजस' के साथ नहीं, बल्कि ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण के साथ भी है। इसमें 'इश्क जैसा कुछ' गाने की जगह, ऋतिक और दीपिका का जबरदस्त केमिस्ट्री और उनके संघर्षों का दर्शन करने का अवसर है।




Air Force Salute Namaste...

फिल्म 'फाइटर' ने अपनी शुरुआत इसी बात के साथ की है कि यह एक अद्वितीय चीज है - यह भारतीय वायुसेना के सहयोग से बनी है। निर्माता रमन छिब खुद एक पूर्व वायुसेना सदस्य हैं और पटकथा भी उन्हीं ने तैयार की है। सिद्धार्थ आनंद ने खुद फिल्म की कहानी, पटकथा, और संवाद को उत्कृष्टता के साथ तैयार किया है। फिल्म जम्मू, हैदराबाद, और लखनऊ में हुई घटनाओं को छूने वाली है, और इसमें शमशेर पठानिया की कहानी है। उसका कॉलिंग नेम फौज में पैटी है, और घर में उसे शम्मी कहा जाता है। उसका दिल टूटा हुआ है और उसके सीओ ने उससे मानवाधिकार की एक बात को मानने के लिए उसे नुकसान पहुंचाया है। नई एक्शन टीम का गठन हो रहा है, जिसमें मीनल राठौड़ भी शामिल है। जब वह पैटी को देखती है, तो वह उसपर नहीं फिदा होती है, जाना पड़ता है। पैटी का रुआब और उनके बीच का रोमांटिक रिश्ता फिल्म में रुचिकर और दर्शकों को विकसित करने में सहायक होता है। भेज दिया जाता है। एक ओपरेशन में जम्मू की एक्शन टीम बिखरती है, जबकि पैटी नौकरी छोड़ने का निर्णय करता है, लेकिन जंग में नियम कायदे नहीं, जीत जरूरी होती है। फिल्म में एक संवाद है, 'जंग में सिर्फ हार या जीत होती है, कोई 'मैन ऑफ द मैच' नहीं होता।' और टीम बिल्डिंग का एक और संवाद है, 'जो अकेला खेल रहा है, वह टीम के खिलाफ खेल रहा है।

Bang bang in pakistan...

सिद्धार्थ आनंद, जो एक्शन फिल्मों के निर्देशक के रूप में आठवीं फिल्म 'फाइटर' में है, ने अपने दिरदर्शन कौशल में विजुअल इफेक्ट्स और कंप्यूटर ग्राफिक्स इमेजिंग के मास्टर बन चुके हैं। उन्होंने ऋतिक रोशन के साथ 'बैंग बैंग' से शुरू किया एक्शन फिल्मों का एक नया सिलसिला। 'वॉर' में उन्होंने अपनी तकनीकी माहिरी दिखाई और 'पठान' ने उनके करियर को नई ऊंचाई दिलाई। 'फाइटर' ने उन्हें निर्माता बनने का हौसला दिया है, जबकि फिल्म को एक मसाला हिंदी फिल्म की तरह 200 करोड़ रुपये में बनाया गया है। ऋतिक और दीपिका के बीच की प्रेम कहानी को सिद्धार्थ ने धीमी आंच पर पकाते हुए पाकिस्तान को भारत का दुश्मन नहीं बताया। फिल्म के विलेन की कमजोरी पर सिद्धार्थ का विचार देना है, जिसमें ऋषभ साहनी की कोशिश है, लेकिन उनका व्यक्तित्व 'खलनायक' बनने के लिए उत्कृष्ट नहीं है। 'टाइगर 3' में विलेन बने इमरान हाशमी के साथ उनकी तुलना हो रही है, लेकिन कोशिश में ही असर मामूली है।


Hrithik and Deepika's Tara Rum Pum...

फिल्म 'फाइटर' को लेकर लोगों की उत्सुकता और दर्शकों के बीच में रुचि की कमी दिख रही है। फिल्म की ओपनिंग में खासी बात नहीं है और इसे देखने की उत्सुकता भी कम है। फिल्म दो कारणों से कमजोर होती है - पहला, यह भारतीय वायुसेना को शो रील बनाने का प्रयास करती है, और दूसरा, पुलवामा हमले की बातों को बड़े धारात्म्य से प्रस्तुत करने का प्रयास करती है। फिल्म की कहानी में एक कमी है और जब भी फोकस कहानी से हटता है, फिल्म लड़खड़ाती है। सिद्धार्थ आनंद के लिए इस फिल्म में ऋषभ साहनी के लिए देखने की उम्मीदें कम हैं, और फिल्म की ओपनिंग भी अधिक खास नहीं है। फिल्म के तकनीकी तत्वों में विशेषज्ञता है, लेकिन कहानी में कमी दिख रही है और फिल्म को आंशिक रूप से उछाल देती है। सिद्धार्थ आनंद की बड़ी जीत यह है कि उन्होंने ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण को साथ लाने में सफल रहे हैं, जो दोनों ने इस फिल्म को और भी रूचिकर बना दिया है। हालांकि, इसे बेहतर बनाने के लिए कुछ और ध्यान देना चाहिए, जैसे कि नॉर्मल सैल्यूट का सही तरीका और कहानी की सार्थकता।

bachna ae haseeno...

सिद्धार्थ के अनुसार, फिल्म के सभी कलाकारों की वर्दियों पर लगे सितारे वायुसेना के अधिकारियों द्वारा जांचे गए हैं। फिल्म में एक्शन ऋतिक रोशन के पास अधिक है, जबकि इमोशन दीपिका पादुकोण के पास है। फिल्म का सबसे पॉपुलर गाना 'इश्क जैसा कुछ' हटा दिया गया है, लेकिन ऋतिक और दीपिका के अभिनय की वजह से फिल्म देखी जा सकती है। फिल्म में दोनों के बीच की रोमांस और उनके अभिनय को देखकर दर्शकों को प्रभावित किया जा सकता है। हालांकि, कहानी में कुछ कमी है और फिल्म को और भी मजबूत बनाने के लिए ध्यान देना चाहिए।